एस. एस. डोगरा
24 अप्रैल,1973 को मुम्बई में जन्में महान खिलाड़ी को आज क्रिकेट जगत में क्रिकेट के भगवान की संज्ञा दी जाती है। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि वे वास्तव में इस संज्ञा के हकदार भी हैं। क्रिकेट के खेल में आस्ट्रेलिया के महानतम बल्लेबाज सर डोनाल्ड ब्रेडमैन का नाम हमेशा अग्रणी श्रेणी में लिया जाता है। वहीं पिछले लगभग 22 वर्षों से क्रिकेट के मैदान में गेंदबाजों की धुनाई करने में माहिर बल्लेबाज सचिन को भी क्रिकेट के दीवाने कभी भुला नहीं पाएंगे। जिन्होंने अपनी बल्लेबाजी के दम पर पूरे क्रिकेट जगत में अपने नाम की धूम मचा रखी है। टेस्ट मैचों व एक दिवसीय क्रिकेट मैचों में लगाए गए 100 शतक लगाना कोई कम उपलब्धि नहीं है। क्रिकेट का बेजोड़ बल्लेबाज जिसने 22 वर्षों के क्रिकेट के सफर में दुनिया के आगे वह हर कमाल कर दिखाया है जिसकी कल्पना करना भी सम्भव नहीं है। उनकी बढि़या बल्लेबाजी की बदौलत ही भारत ने सैंकड़ों मैच जीतें हैं। सन् 2011 का विश्व क्रिकेट कप का खिताब जीतने में भी उनका बहुमूल्य योगदान था।
यदि उनके द्वारा स्थापित बल्लेबाजी के रिकार्ड की बात करें तो, एक बड़ा दिलचस्प उदाहरण यह भी है कि विपक्षी टीम के सभी बल्लेबाजों के सारे रन व शतकों का कुल योग भी सचिन के मुक़ाबले बौने साबित होते हैं। इतनी बड़ी उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी उन्हें ‘सर’ की उपाधि से वंचित रखने का क्या कारण है। क्या वे भारतीय हैं यही सबसे बड़ा कसूर है। वैसे भी क्रिकेट के पूरे इतिहास में आज तक किसी भी एशिया के क्रिकेटर को इस उपाधि से नहीं नवाजा गया है। यह बड़े आश्चर्य का विषय है कि एशिया में अनेक प्रतिभाशाली क्रिकेटर्स ने अपनी योग्यता के दम से पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित किया है, परन्तु उनके बहुमूल्य योगदान को अनदेखा कर दिया गया। एक और आश्चर्य का विषय यह भी है कि यदि गोरों ने उन्हें ‘सर’ की उपाधि से सम्मानित नहीं किया तो, क्या वे भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ को पाने के हकदार नहीं हैं। वास्तव में विलक्षण किस्म के वे ऐसे अनोखे बल्लेबाज हैं, जिनके बल्ले की धुनाई के बारे में सोचकर आस्ट्रेलिया के महानतम गेंदबाज सेन वार्न रात के सपने में भी सचिन की बल्लेबाजी से ख़ौफ खाते थे।
इस महान बल्लेबाज के रेकाडर्स पर एक नजर डालें तो, कुल 188 टेस्ट मैचों में 55∙44 की औसत से सर्वाधिक 15470 रन जिनमें 51 शतक व 65 अर्धशतक तथा 113 कैच समेत 45 विकेट भी चटकाए हैं। जबकि कुल 463 एक दिवसीय क्रिकेट मैचों में 44∙83 की औसत से सर्वाधिक 18426 समेत 49 शतक व 96 अर्धशतक लगाने के साथ ही 140 कैच लपकने के अलावा 154 विकेट भी हासिल किए हैं। सचिन एक दिवसीय क्रिकेट मैचों में साउथ अफ्रीका के खि़लाफ दोहरा शतक लगाने वाले प्रथम बल्लेबाज बने। यह भी उनके क्रिकेट करियर की बड़ी उपलब्धि है। उन्हें सन् 1997 में ‘विस्डन क्रिकेटर आफ इयर’, ‘एलजी पीपलस च्वाइस अवार्ड 2010’, ‘आईसीसी प्लेयर आफ द इयर 2010’ और ‘विस्डन लिडिंग क्रिकेटर 2011’ जैसे विख्यात सम्मान मिल चुके हैं। भारत एवं ब्रिटेन के उच्च अधिकारियों को इस महान खिलाड़ी के सम्मान में ‘भारत रत्न’ व ‘सर’ की महान उपाधि अवश्य प्रदान करना चाहिए। इस महान खिलाड़ी के जन्मदिन पर इससे बढि़या और कोई उपहार हो नहीं सकता। भारत के इस सपूत को इस सम्मान से अवश्य ही सम्मान्नित करना होगा ताकि आने वाली नई पीढि़यों में भी देश का नाम ऊंचा करने की प्रेरणा मिलती रहे।
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